Deepti Sharma: भाई के समर्थन और खुद की मेहनत से बनाई दुनिया, WPL में रचा इतिहास, जानिए दीप्ति शर्मा की कहानी

 



Deepti Sharma: भाई के समर्थन और खुद की मेहनत से बनाई दुनिया, WPL में रचा इतिहास, जानिए दीप्ति शर्मा की कहानी


भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ऑलराउंडर और अर्जुन अवार्ड से सम्मानित दीप्ति शर्मा इन दिनों महिला प्रीमियर लीग के दूसरे सीजन में खेलती नजर आ रही हैं। यूपी वॉरियर्स के लिए खेलते हुए स्टार खिलाड़ी ने एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। वह इस लीग के इतिहास में हैट्रिक विकेट चटकाने वाली पहली भारतीय गेंदबाज बन गई हैं। दीप्ति ने यह कारनामा दिल्ली के खिलाफ आठ मार्च को खेले गए मच में किया था। उनके इस घातक प्रदर्शन के दम पर यूपी ने इस मुकाबले को एक रन से जीत लिया। हालांकि, उनकी टीम प्लेऑफ की रेस से बाहर हो गई। 


दीप्ति शर्मा की कहानी युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। 26 वर्षीय महिला बल्लेबाज ने डब्ल्यूपीएल के मौजूदा सीजन में 295 रन बनाए। वह सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर हैं। बाएं हाथ की इस महिला खिलाड़ी का जन्म आगरा में हुआ। मध्यमवर्गीय परिवार से निकलकर भारतीय क्रिकेट टीम में जगह बनाने तक का सफर उनके लिए आसान नहीं रहा। दीप्ति ने भारत के लिए 2014 में पहला डेब्यू मैच खेला था। चार टेस्ट, 86 वनडे और 104 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुकी दीप्ति के नाम 3314 रन दर्ज हैं। इसके अलावा उन्होंने 229 अंतरराष्ट्रीय विकेट भी हासिल किए हैं। 


भाई से मिला समर्थन

दीप्ति को इस मुकाम तक पहुंचाने में उनके भाई सुमित का अहम योगदान रहा। उन्होंने छोटी उम्र में ही बहन की प्रतिभा को पहचान लिया था। दीप्ति ने नौ वर्ष की आयु में क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। रेलवे में कार्यरत पिता भगवान शर्मा और सुशीला शर्मा का उन्हें भरपूर सहयोग मिला। दीप्ति के भाई सुमित गेंदबाज रहे हैं और अंडर 19 और अंडर 23 में यूपी की तरफ से खेल चुके हैं। भाई से मिली मदद और कड़ी मेहनत के दम पर दीप्ति शर्मा आज पूरी दुनिया में देश का नाम रोशन कर रही हैं।  


नवंबर 2014 में सही साबित हुआ फैसला

एक इंटरव्यू में सुमित शर्मा ने बताया था कि नवंबर 2014 में जब उन्हें यह सूचना मिली की दीप्ति को भारतीय महिला क्रिकेट टीम में स्थान मिला है तो वह खुशी से झूम उठे थे। उन्होंने कहा, "उस दिन मेरा नौकरी छोड़ने का फैसला सही साबित हो गया।" दरअसल, सुमित अपनी बहन को अभ्यास के लिए सुबह और शाम मैदान पर ले जाते थे। ऐसे में उन्होंने नौकरी छोड़ दी थी। उन्होंने कहा,  "स्टेडियम में सुबह और शाम बहन को अभ्यास के लिए ले जाने की शपथ लेते हुए मैंने नौकरी से त्यागपत्र दे दिया।"


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